
इस बार पाकिस्तान ने खुद कबूल किया है — हां, हमारे 11 सैनिक मारे गए। हालांकि ये कबूलनामा इतना धीमे सुर में आया कि ISPR को सुनने के लिए स्टेथोस्कोप चाहिए था।
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ISPR की आधी सच्चाई वाली प्रेस रिलीज़
पाकिस्तानी सेना के जनसंपर्क विभाग ISPR ने मंगलवार को प्रेस बयान में कहा कि
“10 मई को भारत के हमले में एक स्क्वाड्रन लीडर समेत वायुसेना के पाँच और सेना के छह जवान मारे गए।”
पाक की “आत्मा कबूलवायी” में खास बात ये रही कि सैनिकों की मौत तो बताई,
पर हमला किसने पहले किया, ये बताने में जुबान काफ़ी भारी लग रही थी।
भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’: चुप कराने वाला जवाब
भारत की ओर से इस हमले का नाम ऑपरेशन सिंदूर बताया गया —
जिसने दुश्मन के बंकरों को ‘सिंदूर की तरह लाल’ कर दिया।
सीआईएसएफ़ ने भी स्वीकार किया कि इस ऑपरेशन में भारत के 8 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए।
ISPR की नई गिनती: महिलाएं और बच्चे भी शामिल
ISPR के मुताबिक, 6-7 मई की रात भारतीय हमले में:
40 पाकिस्तानी नागरिक मारे गए, जिनमें 7 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं
121 घायल, जिनमें 10 महिलाएं और 27 बच्चे
हालांकि, दुनिया जानती है कि पाकिस्तान की “घायल गिनती” कभी LOC पार के आतंकवादियों को भी “नागरिक” बताने में पीछे नहीं रहती।
ISPR का सच बताना = ईमानदार घड़ी का रुक जाना
जब पाकिस्तान का ISPR अपनी सेना की मौत कबूल करे, तो समझिए कि या तो दबाव बहुत ज़्यादा है, या फिर डैमेज कंट्रोल की स्क्रिप्ट बाहर लीक हो चुकी है।
ISPR की सच्चाई बिलकुल उस Wi-Fi जैसी होती है, जो सिर्फ दिखती है, चलती नहीं।
वॉर स्टेटस: चार दिन की लड़ाई और शनिवार को युद्धविराम
भारत और पाकिस्तान के बीच करीब चार दिन तक चला तनाव अब शनिवार को युद्धविराम के बाद थमा है।
मगर सवाल यह है कि क्या यह “शांति” टिकेगी,
या पाकिस्तान की तरह फिर कोई ‘असैन्य आतंकी’ LOC पार टहलने निकल पड़ेगा?
पाकिस्तान बोले तो… फिल्टर ऑन करो!
ISPR का ये बयान हाफ-ट्रुथ्स (आधी सच्चाई) का नया उदाहरण है। जहां सैनिकों की मौत की बात मान ली गई, लेकिन शुरुआत, इरादा और साजिश पर चुप्पी है। पाकिस्तान जब भी बोलता है, तो वहां के झूठ और ISPR के बयान — दोनों में LoC जितनी दूरी होती है।
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